DAINIK JAGRAN (15 Jul 2025) | Daily News Highlights
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DAINIK JAGRAN

1.

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इंटरनेट मीडिया में कुछ भी नहीं कर सकते पोस्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि यह हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल समाज में नफरत और विघटन को जन्म दे सकता है। इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे जिम्मेदारी से बोलें, संयम रखें और दूसरों की भावनाओं का सम्मान करें। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को इस संवैधानिक अधिकार का महत्व पता होना चाहिए। इंटरनेट मीडिया में बढ़ती विभाजनकारी प्रवृत्तियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह सेंसरशिप की बात नहीं कर रहा है, बल्कि चाहता है कि लोग खुद जिम्मेदारी निभाएं और बातों में संयम बरतें। कोर्ट आपत्तिजनक पोस्ट को नियंत्रित करने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने पर भी विचार कर रहा है।


2.

पति-पत्नी की फोन वार्ता की गुप्त रिकार्डिंग बतौर साक्ष्य स्वीकार्य : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवादों को लेकर एक अहम फैसला दिया है। इसके तहत पति या पत्नी की गुप्त रूप से रिकार्ड की गई फोन वार्ता साक्ष्य के तौर पर स्वीकार्य किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पारिवार न्यायालय में इसे सुबूत के तौर पर माना जा सकता है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट का फैसला रद कर दिया है। हाई कोर्ट ने पत्नी की जानकारी के बिना उसकी फोन बातचीत को रिकार्ड करना उसकी निजता के मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन बताया था। कहा था कि इसे पारिवार न्यायालय में सुबूत के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है। 


3.

विधानसभा समितियों की अनुशंसाओं का हो पालन, सदस्य भी समझें गंभीरता

विधानसभा की समितियों की कार्यप्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से भोपाल में सोमवार को सात राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों की बैठक में कहा गया कि जब विधानसभा की कार्यवाही नहीं चल रही होती है, तब विभिन्न समितियां वित्तीय और प्रशासनिक मामलों पर कार्य करती हैं। इनकी अनुशंसाओं को अधिकारी उतनी गंभीरता से नहीं लेते हैं, जितनी लेनी चाहिए, जबकि इनका स्वरूप छोटी विधानसभा का ही होता है।


4.

मताधिकार और नागरिकता का पेचीदा सवाल

बिहार में मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में विपक्षी दलों की ओर से पैरवी में लगे वकील-सांसद कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि इस समीक्षा की आड़ में निर्धन, अशिक्षित, दलित और वंचित तबके के लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने का षड्यंत्र किया जा रहा है और सत्ताधारी दल के इशारे पर चुनाव आयोग मनमानी कर रहा है। जब चुनाव आयोग के वकील राकेश द्विवेदी ने कहा कि मताधिकार के लिए नागरिकता अनिवार्य है और आधार, राशन, चुनाव, पैन कार्ड आदि को नागरिक होने का प्रमाण नहीं माना जा सकता तो न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और जाबमल्या बागची ने कहा कि नागरिकता की जांच का काम तो गृह मंत्रालय का है, न कि चुनाव आयोग का। इस पर आयोग की और से जवाब दिया गया कि उसे अनुच्छेद 326 के तहत अधिकार प्राप्त हैं। 


5.

मासिक धर्म पर अपमानित न हों बेटियां

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक निजी स्कूल के शौचालय में खून के धब्बे मिलने के बाद पीरियड्स की जांच के नाम पर छात्राओं (पांचवी कक्षा से दसवीं तक) के न केवल कपड़े उतरवाए गए, बल्कि उनके फिंगरप्रिंट लिए गए और दीवार पर लगे धब्बों की तस्वीरें प्रोजेक्टर पर दिखाई गईं। अभिभावकों के विरोध के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को बर्खास्त कर दिया गया है और मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने इस संबंध में प्रिंसिपल, एक महिला सहायक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। इस अमानवीय कृत्य से न केवल छात्राओं को मानसिक आघात पहुंचा, बल्कि पूरा देश शर्मसार हुआ है। 


6.

फर्जी मतदाताओं का बढ़ता संकट

भारतीय लोकतंत्र की जीवंतता और उसकी व्यापकता का मूलाधार है-विश्वास। यह विश्वास मतदाता सूची की निष्पक्षता, चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और संवैधानिक संस्थाओं की निष्ठा पर टिका होता है। किंतु जब इस आधार में दरारें पड़ती हैं, तब न केवल लोकतंत्र की नींव हिलती है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक एकता भी संकट में पड़ जाती है। हाल में बिहार में मतदाता सूचियों के सत्यापन के दौरान सामने आईं बातें इस संकट को और भी गंभीर बना देती हैं। चुनाव आयोग के प्रतिनिधियों को मिले इन संकेतों से कि बिहार में बड़ी संख्या में नेपाल, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों के नागरिक भी मतदाता सूची में शामिल हैं, यह स्पष्ट हो गया है कि यह केवल एक प्रशासनिक त्रुटि नहीं, बल्कि हमारे लोकतांत्रिक और राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र की असफलता भी है। 


7.

शोध-नवाचार को मिलती गति

हाल में अनुसंधान, विकास एवं नवाचार के लिए वित्तीय सहायता हा के रूप में एक लाख करोड रुपये की मंजूरी दी गई। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस फंड के माध्यम से उन सभी इकाइयों एवं सेक्टरों को वित्तीय मदद दी जाएगी, जो देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आर्थिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर कार्य कर रहे हैं। योजना की विस्तृत रूपरेखा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) की गवर्निंग काउंसिल द्वारा तैयार की जाएगी। योजना के अमल हेतु विज्ञान एवं तकनीकी विभाग नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा। निःसंदेह आज के बदलते हुए परिदृश्य में यह एक - दूरदर्शितापूर्ण एवं बहुआयामी कदम है।


8.

तांबा उत्पादन में छह गुना वृद्धि करेगा भारत

अमेरिका द्वारा तांबा आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाए जाने और वैश्विक तांबा बाजार में बढ़ती अनिश्चितता के बीच भारत ने अपनी तांबा आपूर्ति को सुरक्षित करने और आर्थिक प्रगति को गति देने के लिए महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसके लिए जारी कापर विजन डाक्यूमेंट जारी किया गया है। इसमें वर्ष 2047 तक भारत के तांबा उत्पादन को छह गुना बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत तांबा की घरेलू स्मेलटिंग और रिफाइनिंग क्षमता में 2030 तक 50 लाख टन प्रति वर्ष की बढोतरी की जाएगी। 


9.

व्यापार समझौते को लेकर भारत और अमेरिका में फिर वार्ता शुरू

व्‍यापार समझोते को लेकर भारत और अमेरिका के बीच फिर से वार्ता शुरू हो गई है। भारत की तरफ से वार्ता करने वाले अधिकारियों का दल अमेरिका पहुंच गया है और सप्ताह भर यह वार्ता चलने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता (बीटीए) को लेकर पहले से वार्ता चल रही है। आगामी सितंबर-अक्टूबर तक बीटीए के पहले चरण के पूरा होने की उम्मीद है। 


10.

भारत ने 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म बिजली उत्पादन क्षमता हासिल की

भारत ने 2030 के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले ही 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता हासिल कर ली है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोमवार को बताया कि बिजली उत्पादन की कुल स्थापित क्षमता 484.8 गीगावाट में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता 242.8 गीगावाट हो गई है। 


11.

अंतरिक्ष से लौटने में इसलिए एक दिन लेता है स्पेसएक्स

अंतरिक्ष में भारत का कद बढ़ाने वाले शुभांशु शुक्ला की वापसी का सफर शुरू हो चुका है। उनको अंतरिक्ष से ला रहा स्पेसएक्स ड्रैगन मंगलवार को भारतीय समयानुसार 3 बजे प्रशांत महासागर में उतरेगा। शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन से अपने साथ जो डाटा ला रहे हैं वह बेहद अहम होगा लेकिन यह भी सही है कि अंतरिक्ष से वापसी का सफर आसान नहीं होता। इस दौरान ड्रैगन को कई पड़ाव से होकर गुजरना पड़ता है। 


12.

विवाद में नहीं बदलने चाहिए भारत-चीन के बीच मतभेद

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक में कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेद विवाद में नहीं बदलने चाहिए और न ही प्रतिस्पर्धा संघर्ष का रूप लेनी चाहिए। सकारात्मक संबंध केवल आपसी सम्मान, आपसी हित व संवेदनशीलता के आधार पर ही बनाए जा सकते हैं। 


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