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1.
बाद में एससीओ की तरफ से जब साझा घोषणा पत्र जारी किया गया तो उसमें भी आतंकवाद के मुद्दे पर भारतीय पीएम के रुख का समर्थन किया गया है। घोषणा पत्र में आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई। इसमें कहा गया कि संगठन के सदस्य देश आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रतिबद्ध हैं और आतंकी समूहों का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है। घोषणा पत्र में दोहरे मापदंडों को खारिज करते हुए आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सीमा पार आतंकियों की आवाजाही रोकने पर जोर दिया गया। यह आतंकवाद के खिलाफ एससीओ का अभी तक का सबसे सख्त रुख है। मोदी के बाद पाक पीएम शरीफ ने भी अपने भाषण में राज्य प्रायोजित आतंकवाद का जिक्र किया और कहा कि उनका देश सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करता है।
2.
सुप्रीम कोर्ट ने प्राथमिक और जूनियर कक्षाओं को पढ़ाने वाले यानी कक्षा एक से आठ तक को पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में महत्वपूर्ण फैसला दिया है। कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को दो साल में टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करनी होगी नहीं तो उनकी नौकरी चली जाएगी।
3.
एससेओ शिखर सम्मेलन के मंच से चीन के राष्ट्रपति हो चिनर्किंग ने अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधते हुए धौंस जमाने वाले व्यवहार की कड़ी आलोचना की। साथ ही उन्होंने सदस्य देखें से शीत युद्ध की मानसिकता, टकराव और दादागीरी का विरोध करने का आह्वान भी किया।
4.
नई दिल्ली के साथ प्रगाढ़ होती दोस्ती के बीच रूस इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि भारत में अपने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एसयू -57 बनाने के लिए कितना निवेश करना होगा। भारत ने कहा है कि उसे पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के दो से तीन स्ववाडून की आवश्यकता है। रूसी एसयू -57 तथा अमेरिकी एफ-35 इसके लिए दावेदार हैं।
5.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को सेमीकान इंडिया 2025 सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इसका उद्देश्य भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करना है।
6.
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनसीईआरटी ज्ञान का कुंभ है, लेकिन उसे आत्ममुग्ध होने की नहीं, बल्कि आत्मविश्लेषण की जरूरत है। प्रधान ने सवाल किया, क्या वह देश के 35 करोड़ युवाओं को ज्ञान के स्तर पर पूरी दुनिया में प्रतिस्पर्धी बना पा रहा है? यह दायित्व एनसीईआरटी का है। उसे समझना होगा कि जब तक हम अपने युवाओं को ज्ञान के स्तर पर प्रतिस्पर्धी नहीं बनाएंगे, देश विकसित नहीं हो पाएगा।
7.
भारत में प्रवेश करने, देश में रहने या देश से बाहर जाने के लिए जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करते हुए पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को अब सात साल तक की जेल और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा हो सकती है। सोमवार को विदेशियों और आव्रजन से संबंधित मामलों को विनियमित करने वाला नया कानून सोमवार को लागू हो गया। इसमें जाली पासपोर्ट या फर्जी वीजा के उपयोग पर कड़ी सजा का प्रविधान है। यह बजट सत्र में संसद द्वारा पारित किया गया था और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने चार अप्रैल, 2025 को इसे अपनी स्वीकृति दी थी।
8.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए एक समर्पित पोर्टल की घोषणा की है। अब तक शिकायतें अलग-अलग पोर्टलों और काल सेंटरों के जरिए बिखरी हुई आती थीं, जिन पर कार्रवाई की गति धीमी और ट्रैकिंग मुश्किल होती थी। एकीकृत पोर्टल किसानों को न सिर्फ रीयल टाइम समाधान देगा, बल्कि केंद्र सरकार को शिकायतों का केंद्रीकृत डाटा भी उपलब्ध कराएगा। यह कदम सिर्फ तकनीकी सुविधा भर नहीं है, बल्कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की कार्यशैली में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने की दिशा में बड़ी पहल है।
9.
बायो- टेक्नालाजी से जुड़े सभी क्षेत्रों में इनोवेशन को बढ़ावा देने सहित देश में एक नई बायो-इकोनमी खड़ी करने में जुटे केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश ने आइटी व कंप्यूटर को अपनाने में भले ही देरी की थी, लेकिन बायो-टेक्नालाजी के क्षेत्र में ऐसा नहीं है। हम इस क्षेत्र में अग्रणी है और तेजी से आगे बढ़ रहे है। अगले पांच सालों में यानी वर्ष 2030 तक इस क्षेत्र को करीब 300 अरब डालर की इकोनमी बनाने का लक्ष्य रखा है। वैसे भी इस क्षेत्र में 2014 के बाद से काफी प्रगति भी दर्ज हुई है।
10.
शुरुआती दिनों में कंप्यूटर आज के आधुनिक और आकर्षक उपकरणों के बजाय पुराने टेलीफोन एक्सचेंज जैसे दिखते थे। अब अरबों ट्रांजिस्टर वाले एक नाखून से भी छोटे चिप में कहीं अधिक शक्ति समाई हुई है। ये चिप्स मोबाइल फोन, कार, ट्रेन, फ्रिज, टीवी, स्कूटी, फैक्ट्री मशीनों, हवाई जहाजों को चलाते हैं और उपग्रहों को भी दिशा दिखाते हैं। ये इतने छोटे हैं कि अब आपकी अंगुली में भी फिट होकर आपके दिल की सेहत तक नापते हैं। यही सेमीकंडक्टर का जादू है। किसी भी राष्ट्र की तरक्की के लिए जरूरी है कि वह अपने विकास के प्रमुख क्षेत्रों स्टील, बिजली, दूरसंचार, रसायन और परिवहन आदि में महारत हासिल करे। सेमीकंडक्टर भी अत्यंत महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यह लगभग हर चीज के अंदर छिपा है, चाहे वे स्मार्टफोन, कार, ट्रेन, मेडिकल डिवाइस हों या फिर एआइ, रक्षा प्रणाली, पावर ग्रिड, सेटेलाइट। सेमीकंडक्टर के बिना डिजिटल अर्थव्यवस्था संभव नहीं है। इनके बिना आधुनिक संचार डाटा प्रोसेसिंग, एआइ, नवीकरणीय ऊर्जा या सुरक्षित रक्षा प्रणाली की कल्पना नहीं की जा सकती। जो देश सेमीकंडक्टर का डिजाइन और उत्पादन नहीं कर सकता, वह स्वास्थ्य से लेकर सुरक्षा तक अपनी सेवाओं के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाता है। सेमीकंडक्टर में मजबूती पाना भविष्य को आकार देने का सवाल है।
11.
भारत का उद्देश्य 2047 तक एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनना है। इस परिवर्तन में टेक्नोलाजी की मुख्य भूमिका रहने बाली है, जिसका नेतृत्व आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक करेगी। भारत में आधार से लेकर यूपीआइ तक डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर ने व्यापक समावेशन की नींव तैयार कर दी है। आधार दुनिया का सबसे बड़ा बायोमीट्रिक आइडी सिस्टम है। इसने 100 करोड़ से अधिक नागरिकों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में सक्षम बनाया है। यूपीआइ ने डिजिटल भुगतान में क्रांति ला दी है, जिसके तहत 2025 के पहले पांच महीनों में ही 101 लाख करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन हुए हैं। इसरी और आइआइटी जैसे संस्थानों ने यह दिखाया है कि जब भारत निर्माण करता है, तो उसका लाभपूरे विश्व को मिलता है। आइआइटी जैसे शिक्षा संस्थानों ने विश्व अर्थव्यवस्था में अनुमानित 300 से 400 अरब डालर का योगदान दिया है, पर इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि इन संस्थानों ने भारत की जरूरत के अनुसार समस्या समाधान की संस्कृति का निर्माण किया है। पेटेंट फाइलिंग में आइआइटी प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में लगातार आगे बढ़ रहे हैं, जिससे शोध और इनोवेशन में उनकी भूमिका स्पष्ट होती है। ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स-2024 में भारत का स्थान 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर 39वें स्थान पर आ गया है, जो इस गति को दर्शाता है। स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया और अटल इनोवेशन मिशन जैसे अभियानों और मजबूत नीतियों के साथ भारत तेजी से एक ग्लोबल इनोवेशन केंद्र के रूप में उभर रहा है।
12.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का हर छठा व्यक्ति अकेलेपन से ग्रस्त है। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं, बल्कि हमारे सामाजिक ताने-बाने में पड़ती गहरी दरार का प्रमाण है। यह संकट अब कुछ देशों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है, जिसका सबसे गहरा असर हमारे युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों पर दिख रहा है। यह एक मौन संकट है जिसे अब और अनदेखा करना हमारे सामाजिक स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होगा। यह कितना विरोधाभासी है कि संचार के साधन इतने सुगम और तात्कालिक हो गए हैं, फिर भी मानवीय संवाद इतना दुर्लभ हो गया है।
13.
अमेरिका मेरिका आज भारत समेत विश्व के कई देशों को अपनी शर्तों पर व्यापार करने के लिए मजबूर कर रहा है। हालांकि हाल के दिनों में अमेरिका द्वारा अतिरिक्त टैरिफ थोपे जाने के बावजूद भारत उतना अधिक विचलित नहीं दिख रहा है, जितना अमेरिका स्वयं इससे विचलित दिख रहा है। अमेरिका के लिए एशिया में बड़ा प्रश्न चीन का उभार भी है। वस्तुतः दक्षिण पूर्वी सागर, व्यापार युद्ध, तकनीकी प्रतिस्पर्धा और ताइवान को लेकर तनाव पहले से ही अमेरिका-चीन संबंधों को गहराई से दुष्प्रभावित कर चुके हैं। लेकिन भारत के लिए यह समीकरण कहीं अधिक जटिल है। हालांकि, सीमा विवाद से लेकर हिंद महासागर में कुछ संप्रभुता आधारित प्रश्न भारत की सुरक्षा नीति को परखने की कोशिश करते रहते हैं। तो वहीं, शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स में भारत का साझेदार भी नजर आता है। यह स्थिति बताती है कि भारत चीन समीकरण प्रतिद्वंद्विता का नहीं, प्रतिस्पर्धात्मक सहयोग का भी है।
14.
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण 9 अभियान के कारण आधार पहचान पत्र के संबंध में एक बार फिर बहस छिड़ी हुई है। आम तौर पर हर भारतीय इसे पेहचान का एक सशक्त दस्तावेज समझता है। ऐसा इसलिए भी, क्योंकि इसी से व्यक्ति की पहचान भी होती है और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली कई जरूरी सेवाओं में इसके माध्यम से नागरिकों की पुष्टि की जाती है। धारणा यह भी थी कि आधार भारत सरकार का एकमात्र मजबूत बायोमेट्रिक दस्तावेज है जिसमें पहचान पुख्ता करने के लिए फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतलियों की स्कैनिंग और फोटो के साथ नाम, जन्म तिथि व पता भी शामिल होता है।
15.
जीएसटी दरों में बदलाव को देखते हुए ग्राहक उन वस्तुओं की खरीदारी से परहेज कर रहे हैं, जिनकी दरों में बदलाव होना तय दिख रहा है। इनमें मुख्य रूप से फुटवियर, शर्ट-पैंट जैसे गारमेंट से लेकर प्रोसेस्ड फूड, दोपहिया और छोटी कार तक शामिल हैं। गणेशोत्सव जारी है, लेकिन इन वस्तुओं की खरीदारी कम हो रही है। यहां तक कि ई-कामर्स कंपनियां भी अपनी बिक्री उम्मीद के अनुरूप नहीं देख रही हैं। दूसरी तरफ, रिटेल स्टोर इस बार नवरात्र से लेकर दिवाली तक उपभोक्ता वस्तुओं की जमकर बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं।
16.
यूपीआइ के जरिये अगस्त में पहली बार 20 अरब से ज्यादा लेनदेन हुए। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआइ) के आंकड़ों पर गौर करें तो अगस्त में यूपीआइ लेनदेन 20.01 अरब के आंकड़े तक पहुंच गया, जो जुलाई के 19.47 अरब की तुलना में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वार्षिक आधार पर यह 34 प्रतिशत की वृद्धि है। मूल्य के संदर्भ में यूपीआइ के जरिये 24.85 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है।
17.
भूमध्यसागरीय आहार में भरपूर मात्रा में फाइबर और एंटीआक्सीडेंट होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। भूमध्यसागरीय आहार डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते है और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य से जुड़े ब्लड मेटाबोलाइट्स को प्रभावित कर सकते हैं। इसके लिए नर्सेज हेल्थ स्टडी में 4,215 महिलाओं के डाटा का विश्लेषण किया, जिसमें औसत आयु 57 वर्ष के प्रतिभागियों का फालोअप 1989 से 2023 तक किया गया। शोधकर्ताओं ने हेल्थ प्रोफेशनल्स फालोअप स्टडी में 1,490 पुरुषों के समान डाटा का विश्लेषण किया, जिनका फालोअप 1993 से 2023 तक किया गया।
18.
डायबिटीज ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर इंसुलिन हार्मोन का सही इस्तेमाल नहीं कर पाता या पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता है। इंसुलिन की कमी से खून में शुगर का स्तर बढ़ बढ़ जाता है, जिसे हाइपरग्लाइसीमिया कहते हैं। इसका किडनी, आंख, नसों और हार्ट पर बुरा असर पड़ता है। डायबिटीज के कारणों में आनुवांशिक, मोटापा, गलत खानपान, तनाव और शरीरिक गतिविधियों की कमी प्रमुख हैं। मेटफार्मिन ऐसी एंटी डायबिटिक दवा है, ब्ल्ड में धातुओं के स्तर को प्रभावित कर सकती है, जिससे तांबे और लोहे की मात्रा में महत्वपूर्ण कमी और जिंक की मात्रा में वृद्धि हो सकती है। यह संभवतः जटिलताओं को रोकने से संबंधित है। ऐसे में पीड़ित लोग मेटफार्मिन दवा का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में करते हैं। -
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