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DAINIK JAGRAN

1.

तियानजिन से ट्रंप को बड़ा संदेश, एक साथ चलेंगे हाथी व ड्रैगन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के बाद दे ध्रुवों में बंटी दुनिया के लिए हाथी और ड्रैगन की जुगलबंदी बड़ा संदेश दे रही है। रविवार को चीन के तियानजिन में पीएम नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई बहुप्रतीक्षित भेंट में दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का निष्पक्ष, न्यायसंगत व पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान को लेकर प्रतिबद्धता जताई गई। इसमें दोनों देशों के बीच 2020 से स्थगित सीधी उड़ान सेवा शुरू करने, कारोचारी घाटा कम करने, व्यापार-निवेश संबंधों का विस्तार करने, वैश्विक मुद्दों और द्विपक्षीय हितों से जुड़े अन्य मुद्दों पर विस्तार से बात हुई। 


2.

राजस्थान में जबरन मतांतरण कराने पर होगी उम्रकैद

राजस्थान सरकार सोमवार से शुरू होने वाले विधान सभा सत्र में अवैध मतांतरण रोकने के लिए सख्त विधेयक पेश करेगी। प्रस्तावित कानून में कठोर दंड के प्रविधान हैं। इसमें सामान्य मामलों में सात से 14 वर्ष जेल व न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना, सामूहिक मतांतरण के मामले में 20 वर्ष से लेकर उम्रकैद व न्यूनतम 25 लाख जुर्माना और अपराध दोहराने वाले को उम्र कैद और कम से कम 50 लाख रुपये का जुर्माना प्रस्तावित है। मतांतरण के उद्देश्य से होने वाली शादी अमान्य होगी। ये सभी अपराध गैर जमानती होंगे। पूर्वजों के धर्म में लौटना परिवर्तन नहीं माना जाएगा। 


3.

आदेश अपलोड में देरी, सुप्रीम कोर्ट ने जब्त कराई हाई कोर्ट के स्टेनो की डायरी

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने के फैसले को अपलोड करने में हुई देरी पर गंभीरता से संज्ञान लिया है। जस्टिस जेके माहेश्वरी और विजय बिश्नोई की पीठ ने न्यायाधीश के सचिव की स्टेनो बुक जब्त करने का आदेश दिया ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि आदेश कब टाइप किया गया और उसमें कब सुधार किया गया। 


4.

रूस-चीन ब्रिक्स देशों के विरुद्ध भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों के विरोधी : पुतिन

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस और चीन ने ब्रिक्स देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास में बाधा डालने वाले भेदभावपूर्ण प्रतिबंधों के विरुद्ध साझा रुख अपनाया है। 


5.

नौसेना की बढ़ेगी ताकत, बेड़े में जल्द जुड़ेंगी दो और पनडुब्बियां

भारत अपनी समरिक चुनौतियों के मद्देनजर नौसैनिक ताकत को बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत अगले साल के मध्य तक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की दो बड़ी पनडुब्बी सौदे पर मुहर लग सकती है। इन पनडुब्बियों से भारत की पानी के अंदर युद्ध करने की क्षमता बढ़ेगी। 


6.

आदिवासियों को यूसीसी से बाहर रखा जाएगा : रिजीजू

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने रविवार को स्पष्ट किया कि पूर्वोत्तर और अन्य क्षेत्रों के आदिवासियों को प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के दायरे से बाहर रखा जाएगा ताकि वे अपनी पारंपरिक व्यवस्था के अनुसार स्वतंत्रता से जीवन जी सकें।


7.

सीआइएसएफ जवानों को अब आधी दरों पर ऋण

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा (सीआइएसएफ) ने अपने जवानों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। इनमें कम ब्याज दर पर ऋण, बच्चों के लिए छात्रवृत्ति के अवसरों में बढ़ोतरी, चिकित्सा उपचार के लिए बेहतर सहायता, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए अधिक लाभ आदि शामिल हैं। 


8.

वाहन सार्वजनिक स्थान पर उपयोग न होने पर नहीं लगाया जा सकता मोटर व्हीकल टैक्स : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी वाहन का उपयोग नहीं किया जाता है या वह सार्वजनिक स्थान पर नहीं है तो उसके मालिक पर मोटर व्हीकल टैक्स का बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के दिसंबर 2024 के फैसले को चुनौती देने वाली अपील पर यह निर्णय सुनाया। न्यायालय ने कहा-"मोटर वाहन कर की प्रकृति प्रतिपूरक है। इसका उपयोग से सीधा संबंध है।"


9.

ट्रंप रूपी आपदा को अवसर में बदलें

पंचतंत्र की कथा है। एक तालाब में तीन मछलियां रहती थीं अनागतविधाता, प्रत्युत्पन्नमति और यद्भविष्य। अनागतविधाता आने से पहले उपाय कर लेती थी। प्रत्युत्पन्नमति समस्या आने पर कुछ करती और यद्भविष्य भाग्य के भरोसे रहती थी। चीन को आप अनागतविधाता मान सकते हैं और भारत को प्रत्युत्पन्नमति, जो संकट सिर पर आने पर ही अपने हाथ-पांव मारता है। हम आजाद तो गांधी जी के स्वावलंबन के नारे के साथ हुए थे, मगर अन्न की आत्मनिर्भरता के लिए हरित क्रांति पर काम तब तक शुरू नहीं किया गया जब तक भयंकर अन्न संकट से दो-चार नहीं हुए। आर्थिक सुधार तब तक नहीं किए, जब तक 1991 में देश संरक्षणवाद और लाइसेंस राज की वजह से दिवालिया होने के कगार पर नहीं जा पहुंचा। उद्योगों में आत्मनिर्भरता की बात हमें तब तक याद नहीं आई जब तक कोविड महामारी ने आर्थिकी को ठप नहीं कर दिया। अब ट्रंप की अप्रत्याशित नीति ने विदेश व्यापार और विदेश नीति के मोर्चे पर हमारे लिए संकट खड़ा कर दिया, जिसके समाधान के लिए आत्मनिर्भर भारत की बात दोहराई जा रही है।


10.

एनसीईआरटी की पहल पर आपत्ति क्यों

इतिहास की घटनाएं वर्तमान को दिशा देती हैं हैं और वर्तमान उनसे सबक लेकर भविष्य की सुदृढ़ नींव रखता है। दुर्भाग्य से हमारे विद्यालयों में पढ़ाए जाने वाले इतिहास और पाठ्यपुस्तकों में घटनाओं और तथ्यों को प्रायः यथार्थ से काटकर मिथ्या आदर्शों, भावुक नारों और दलगत पूर्वाग्रहों के आधार पर प्रस्तुत किया गया। जब भी इतिहास को प्रामाणिक और वस्तुपरक ढंग से लिखने या पढ़ाने का प्रयास हुआ, उसे अनावश्यक विवाद और शोर-शराबे का सामना करना पड़ा। सुधारों की इसी पृष्ठभूमि में एनसीईआरटी ने विभाजन की विभीषिका और उससे उपजी त्रासदी को निष्पक्ष दृष्टि से समझाने के उद्देश्य से कक्षा 6 से 8 और 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए दो विशेष पूरक शैक्षिक माड्यूल जारी किए हैं। इन्हें अनिवार्य पाठ्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा, बल्कि चर्चा के माध्यम से तत्कालीन परिस्थितियों की सूक्ष्म और गहन समझ विकसित की जाएगी। इन माड्यूल में मोहम्मद अली जिन्ना, लार्ड माउंटबेटन और कांग्रेस को विभाजन का जिम्मेदार बताया गया है। कौन नहीं जानता कि जिन्ना की अंधी महत्वाकांक्षा, पद-लोलुपता और पृथक पहचान की राजनीति ने भारतीय मुसलमानों में पनप रही सांप्रदायिक भावना को भड़काने में निर्णायक भूमिका निभाई। 


11.

स्मार्टफोन की गुलामी से मुक्ति की पहल

जापान ने अपने लोगों को स्मार्टफोन के उपयोग को सीमित करने का सुझाव दिया है। इसके तहत उसने दो घंटे प्रतिदिन और रात में निर्धारित समय के बाद इसके उपयोग को बंद करने का सुझाव दिया है। प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए रात नौ बजे और किशोरों एवं वयस्कों के लिए रात 10 बजे के बाद स्मार्टफोन का उपयोग न करने का आग्रह किया गया है। यह कानूनी बाध्यता नहीं, बल्कि एक नैतिक आग्रह है, किंतु इसका प्रतीकात्मक संदेश महत्वपूर्ण है। इस कदम की आवश्यकता क्यों महसूस हुई? इसका उत्तर हमारे चारों ओर बिखरा पड़ा है। स्मार्टफोन अब केवल एक फोन नहीं रहा, बल्कि यह हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। सुबह उठने से लेकर रात सोने तक, इसकी मौजूदगी हर क्षण हमारे जीवन को संचालित कर रही है। बच्चे खेल के मैदानों को छोड़कर वर्चुअल गेम्स में खो से गए हैं, युवा रियल टाइम रिश्तों की बजाय इंटरनेट मीडिया के जाल में उलझे रहते हैं। बड़े-बुजुर्ग भी इस डिजिटल नशे से अछूते नहीं हैं। इसके परिणामस्वरूप नींद का हराम होना, आंखों का कमजोर होना, मानसिक अवसाद का बढ़ना और सामाजिक अलगाव का जन्म होना आम बात हो गई है। परिवार एक ही छत के नीचे रहकर भी अजनबी बन गए हैं।


12.

नए आयाम छूते भारत-जापान संबंध

आज वैश्विक आर्थिक एवं राजनीतिक परिदृश्य एक बड़ी उथल-पुथल की स्थिति से जूझ रहा है। चाहे वह रूस-यूक्रेन युद्ध हो या अमेरिका की निरंतर बदलती टैरिफ नीतियां, सभी ने वैश्विक परिदृश्य को अस्थिरता की ओर धकेल दिया है। ऐसे में भारत और जापान का निकट आकर संबंधों की एक नई इबारत लिखना निश्चित रूप से वैश्विक पटल पर राजनीतिक एवं आर्थिक साझेदारी की एक नई रेखा खींचेगा। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दो दिवसीय जापान यात्रा वास्तव में उनकी आठवीं जापान यात्रा है। इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने भारत-जापान संबंधों का दस वर्षीय आर्थिक रोड मैप प्रस्तुत किया। दोनों देशों के बीच रक्षा, साइबर सुरक्षा, आतंकवाद से जंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमीकंडक्टर एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 13 समझौते हुए। जापान ने आने वाले दस वर्षों में भारत में 10 खरब येन अर्थात 5.99 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। यह समझौता आज के उथल-पुथल भरे आर्थिक एवं राजनीतिक वैश्विक परिदृश्य में दोनों देशों के हितों के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है। 


13.

बचा लें बारिश के पानी को

इस समय देश के कई हिस्से में २ अच्छी बारिश हो रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम मानसून के दौरान बारिश के पानी को बचाने का कोई प्रयास नहीं करते हैं। इस कारण बारिश में बड़ी मात्रा में जल बेकार बह जाता है। जल संरक्षण के माध्यम से हम बारिश के पानी का सदुपयोग कर सकते हैं। इससे एक और जल संकट कम होगा, तो दूसरी ओर हम जल को बेकार बहाने के पाप से भी बच जाएंगे। कृषि की बढ़ती जरूरतों, खाद्यान्न उत्पादन, ऊर्जा उपभोग, प्रदूषण और जल प्रबंधन की कमजोरियों के कारण स्वच्छ जल पर दबाव बढ़ रहा है। 


14.

एफपीआइ ने की 2025 की दूसरी सबसे बड़ी निकासी

पहले और फिर अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से टैरिफ लगाए जाने की घोषणा के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों से 34,993 करोड़ रुपये की निकासी की है। यह कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक किसी एक महीने में दूसरे सबसे बड़ी निकासी है। इससे पहले जनवरी में एफपीआइ ने भारतीय शेयरों से 78,027 करोड़ रुपये निकाले थे।


15.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 20 प्रतिशत एथेनाल युक्त पेट्रोल का मामला

पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनाल मिलाने की सरकार की योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एथेनाल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी 20) से लाखों वाहनों को उनके उपयुक्त ईंधन से जानबूझकर वंचित किया जा सकता है। है। इस इस जनहित जनहित याचिका पर प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई सोमवार को सुनवाई कर सकते हैं। 


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